ll स्वच्छ भारत ll

यह सुखद काज मिलकर, इसी क्षण करें।
स्वच्छ भारत रखेंगे सभी प्राण करें।।

चलती गाड़ी से बाहर न थूकें कभी,
और ना कचरा भरी थैलियाँ फेंकिए।
गंदे पानी को जो करती घर से दफा,
साफ है या नहीं नालिया देखिए।।

इक शहर, इक गली, इक मकां बस नहीं।
स्वच्छ भारत का हम, आज कण-कण करें।।

कचरा-पेटी मे कचरा इकट्ठा करें,
उसका खाद बना फिर से लें काम में।
सिर्फ शौचालयों में ही शौच करें,
ऐसे नीयम बना दो सभी ग्राम में।।

स्वच्छता बोझ न, बल्कि आदत बने।
हम नई पीढ़ी का, ऐसे पोषण करें।।

ये धरा, ये नदी, ये तरु, ये पवन,
उस विधाता का मानव को वरदान है।
अपने निज स्वार्थ में करना इनको दुषित,
उस परमशक्ति का जैसे अपमान है।।

साफ, सुंदर, सुगंधित, हमारा चमन।
आओ मिलकर सभी, आज जनगण करें।।

✍🏻 गौरव ‘साक्षी’