शिव गीत राम गीत द्रोण बनकर न लेले अंगूठा कोई फिर अहिल्या हो गया है आपकी पदचाप से हिन्द की सेना तब समझना हो गया है प्यार तुमको और कोई दूसरा शीर्षक नहीं है एक पत्थर कभी न हृदय हो सका स्वच्छ भारत ग़ज़ल